किशन नाम का बच्चा बेचैन है, काजल नाम की दादी उदास; क्या फिर मिलेगा अपनों का साथ?
न्यूज।टेक्नोलॉजी को बेचैनी नहीं होती लेकिन आज बेचैनी को कम करने का काम टेक्नोलॉजी कर रही है। किशन नाम का एक बच्चा। जिसकी उम्र चार से पांच साल है। घर के बारे में पूछने पर आंखों में आंसू। वो इंतजार कर रहा है अपनों का। लोगों की दिलासा पर वह पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पा रहा। उसके अंदर की बेचैनी को महसूस करना बड़ा मुश्किल हो रहा है।
। ऐसे 10 कंप्यूटराइज्ड खोया पाया केंद्र खोले गए हैं। मैं जानना चाह रहा था कि सुरक्षा के साथ ही क्या लोगों को खोजने के लिए भी AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्योंकि यह जानकारी तो थी कि सुरक्षा को लेकर 2750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरों का प्रयोग किया जा रहा है। इस बारे में जानकारी होती उससे पहले हमने उस प्रक्रिया जाना कि अगर कोई खो जाता है तो उसे क्या करना होता है। केंद्र पर जाने पर देखा तो काउंटर पर कैमरे लगे हैं और उसके सामने तीन से चार बड़ी स्क्रीन लगी हैं। जहां पर खोए हुए व्यक्ति ओर पाए हुए व्यक्ति की जानकारी दी जा रही है। फोटो के साथ जो जानकारी स्क्रीन पर आ रही है, उसमें नाम, आयु, पोशाक, पोशाक का रंग और अंतिम बार देखा गया कि जानकारी सामने आ रही थी।