तय मानक से 4 गुना दूरी पर बनाए गए परीक्षा केंद्र, नियमों की जमकर उड़ाई गईं धज्जियां
फतेहपुर। यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में शासन के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। बात की जाए शासन के आदेशों की तो मूल विद्यालयों से बालिकाओं के लिए 7 किलोमीटर की परिधि में केंद्र बनाने का नियम है, लेकिन यहां नियम को ताक पर रखकर हाईस्कूल और इंटर के दर्जन भर से अधिक विद्यालयों के सैकड़ों बालिकाओं का परीक्षा केंद्र 4 गुणा से अधिक दूरी पर बनाया गया है। बोर्ड परीक्षा के लिए जिले में 114 केंद्र बनाए गए हैं। डीएम के स्तर से अनुमोदन करते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
*मूल विद्यालयों से 30 किलोमीटर दूर बनाए गए परीक्षा केंद्र*
हैरानी की बात यह है कि जिले के इंटर कॉलेज दुगरेई की 17 छात्राओं का परीक्षा केंद्र वंश गोपाल इंटर कॉलेज रसूलपुर भेजा गया है जिसकी दूरी मूल विद्यालय से 12 किलोमीटर दूर है। वहीं इंटर कॉलेज सिधाव की 40 छात्राओं का सेंटर शमशाबाद इंटर कॉलेज भेजा गया है यहां की छात्राओं को परीक्षा देने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। इसी तरह हायर सेकेंडरी उकाथू की 19 छात्राओं का केंद्र बुदवन इंटर कॉलेज को बनाया गया है यहां की छात्राएं 16 किलोमीटर का सफर तय कर परीक्षा देंगी। उधर, राजकीय हाई स्कूल डींघ की 11 छात्राओं का परीक्षा केंद्र 12 किलोमीटर दूर दरियापुर इंटर कॉलेज में बनाया गया है। वहीं हाई स्कूल नरौली की 5 छात्राओं का सेंटर जुनेदपुर स्थित इंटर कॉलेज भेजा गया है। इस केंद्र की दूरी 15 किलोमीटर है। इंटर कॉलेज गोविंदपुर बिलारी की 36 बालिकाएं 30 किलोमीटर दूर जाकर मदर जानकी इंटर कॉलेज खजुहा में परीक्षा देंगी। इतना ही नही 22 छात्रों का भी सेंटर धर्मपाल इंटर कॉलेज मुबारकपुर गेरिया से 28 किलोमीटर दूर आशा सिंह इंटर कॉलेज खागा को बनाया गया है। इन स्कूलों के अलावा भी नियम की धज्जियां उड़ाने वाले दर्जनों विद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इतनी भारी अनियमितताओं के बावजूद भी ऐसे सेंटर बहाल होना विभगीय मुखिया को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
*छात्राओं के लिए 7 तो छात्रों का अधिकतम 15 किलोमीटर का है आदेश*
शासन के गाइडलाइन के अनुसार मूल विद्यालयों से छात्राओं के परीक्षा केंद्रों की अधिकतम दूरी 7 किलोमीटर तो छात्रों के लिए यह दूरी 15 किलोमीटर तय की गई है। लेकिन जिले में नियम को धता बताकर विभागीय मुखिया ने इन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया है जो छात्र-छात्राओं के लिए सिरदर्द से कम नही है।
*विभागीय मुखिया के अनदेखी का खामियाजा भुगतेंगे छात्र-छात्राएं*
डीआइओएस राकेश कुमार ने बड़े ही बेबाकी से कहा कि परीक्षा केंद्र के निर्धारण की सारी प्रकिया ऑनलाइन है। कहा कि सभी सेंटर यथा स्थित ही रहेंगे। विभागीय मुखिया का यह जवाब कहीं ना कहीं न शिक्षा माफियाओं की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। यह कहना गलत नही होगा कि जिसका खामियाजा छात्र और छात्राओं को भुगतना पड़ेगा।