सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन द्वारिका लीला श्री कृष्ण विवाह सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष की कथा का किया गया वर्णन
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन द्वारिका लीला श्री कृष्ण विवाह सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष की कथा का किया गया वर्णन
 
बिन्दकी फतेहपुर।परमपिता परमात्मा कहते हैं कि मैंने ही सभी प्राणियों को उत्पन्न किया है और वह सभी प्राणी परमात्मा को प्रिय है और उन प्राणियों में भी मनुष्य मुझे अधिक प्रिय है।
 *सम्मुख होई जीव मोहि जबहीं जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं*
श्री कृष्ण कहते हैं कि जैसे ही जीवात्मा जैसे ही परमात्मा के सामने सारे छल कपट छोड़कर निर्मल भाव से परमपिता परमेश्वर के सानिध्य में आता है वैसे ही उसके कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। 
संगीतमई , आनंदमई, भक्तिमई, श्रीमद् भागवत कथा में प्रमुख रूप से परीक्षित शिवराज सिंह पत्नी किरण देवी माता अनंती देवी, रजनीश, अवनीश, आशीष, ऋषि, आचार्य प्रवर महेश दत्त उपाध्याय अरविंद पाठक आशीष पाठक प्रियम द्विवेदी, जूली ,बंटी महाराज, दयाशंकर सिंह, राजन सिंह, आलोक गौड, रुद्रपाल सिंह, राजू सिंह, जय बहादुर सिंह ,शिव बहादुर सिंह, सुरभि, आराध्या, वसुंधरा, कक्कू सिंह गौतम, रविंद्र सिंह भदोरिया, राहुल, पारस प्रियांश परिहार शाहिद सैकड़ो की संख्या में भक्तगण श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करते नजर आए।
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