राजा परीक्षित का प्रसंग सुन श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हुए
राजा परीक्षित का प्रसंग सुन श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हुए

मंगलवार अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा दोपहर 2बजे से सायं 6 बजे तक तत्पश्चात विदायी समारोह
 
बुधवार शिव रात्रि के पर्व पर प्रात: हवन ,पूजन, प्रसाद वितरण सायं 3 बजे से 6 बजे तक भण्डारा कार्यक्रम

जहानाबाद (फतेहपुर) कस्बे के मोहल्ला कटरा चुनपुज सामुदायिक मिलन केंद्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन सोमवार को कथा वाचिका संध्या तिवारी ने राजा परीक्षित सुकदेव कथा का वर्णन किया उन्होंने बताया कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं है लेकिन ऐसा होने पर समय रहते यदि सुधार हो जाए और प्रायश्चित जरूरी है ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप बन जाती है। सुकदेव परीक्षित संवाद का वर्णन करते हुए संध्या तिवारी ने कहा की एक बार राजा परीक्षित शिकार के लिए वन में गए थे पशुओं के पीछे दौड़ने के कारण वह प्यास से व्याकुल हो गए और तालाब की खोज में इधर-उधर घूमते घूमते समिक ऋषि के आश्रम में पहुंचे तो वहां ऋषि नेत्र बंद कर शांत भाव से आसन पर बैठे हुए थे।              
कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्र मुक्त हो गए इस मौके पर महेश कुमार चौरसिया सतीश सैनी छोटेलाल राजपूत राम बली निषाद राम सजीवन गौड़ मेवालाल बाल्मिक गया प्रसाद रामकुमार अमित कुमार सोनेलाल जगदीश कुमार रमेश सोनकर अम्बरीश गुप्ता संजय सोनी शिवसागर सोनकर ज्ञान प्रकाश अनिल श्री वास्तव गीता गुप्ता जैलैदी गिहार सीमा सोनी मीना देवी उषा गुप्ता गुड़िया देवी पुनीता देवी मालती वर्मा सरोज देवी कामिनी सिंह लक्ष्मी देवी पूजा गुप्ता आदि सैकड़ो भक्तजन उपस्थित रहे।
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