गांवों की सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का कहर, ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर
गांवों की सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का कहर, ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर

अनदेखी से नाराज ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी

फतेहपुर। ओवरलोड वाहनों के कारण गांवों की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। परिवहन और खनन विभाग की अनदेखी के चलते ग्रामीणों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया, जो मंगलवार को भी जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वे धरना समाप्त नहीं करेंगे।
असोथर विकास खंड क्षेत्र में ओवरलोड मोरंग लदे ट्रक और डंपर बेधड़क गांवों की सड़कों से गुजर रहे हैं, जिससे सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। भारी वाहनों की तेज रफ्तार से दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है, जिससे ग्रामीणों का जीवन खतरे में पड़ गया है। इस गंभीर समस्या को लेकर युवा विकास समिति के नेतृत्व में आठ गांवों के ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

*शंकरपुर-ओती मार्ग की हालत बदहाल, प्रशासन मौन*

शंकरपुर-ओती 4.8 किलोमीटर लंबा संपर्क मार्ग 2002 में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाया गया था, लेकिन ओती की खदानों से निकलने वाले ओवरलोड ट्रकों ने इस सड़क को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। दो साल पहले सड़क का फिर से निर्माण किया गया था, लेकिन अब कोर्रा मोरंग खदान से भारी वाहनों की आवाजाही के कारण सड़क पुनः क्षतिग्रस्त हो रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। इसके चलते लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वे मजबूर होकर धरना देने को विवश हुए हैं।

*ग्रामीणों की मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन*

युवा विकास समिति के जिलाध्यक्ष कंचन मिश्रा ने कहा कि भारी वाहनों के लिए पहले से ही निर्धारित मार्ग हैं, इसके बावजूद ट्रक और डंपर जबरन गांवों की सड़कों से निकाले जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। करीब एक माह पहले जिला प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ गया है।
धरने में सुशील सिंह, पूरन सिंह, जियालाल निषाद, राजा सिंह, जयकरन, गोरेलाल प्रजापति, मनोज कुमार, पिंकू यादव, रामपाल समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हैं। वहीं, महिला प्रदर्शनकारियों में फूलमती, रजनी समेत 500 से अधिक ग्रामीण शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

*ग्रामीणों की प्रमुख मांगें हैं:*

गांवों की सड़कों से ओवरलोड वाहनों की आवाजाही पर तत्काल रोक लगाई जाए।


*क्षतिग्रस्त सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए।*

परिवहन और खनन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, जो इस अव्यवस्था को रोकने में नाकाम साबित हुए हैं।
यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकला, तो ग्रामीण अपने आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है।
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