जेके कैंसर अस्पताल में रेडियोथैरेपी मशीन खराब, नर्स-वार्ड बॉय का टोटा…इन अस्पतालों की भी स्थिति गड़बड़
न्यूज महानगर के अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था में कई सुधार हुए, लेकिन रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने और बेहतर उपचार के लिए आठ साल में 23 प्रस्ताव भेजे, लेकिन किसी का कुछ भी नहीं हुआ।
कानपुर में जेके कैंसर अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने और रोगियों को बेहतर उपचार दिलाने के लिए पिछले आठ साल में 23 बार प्रस्ताव शासन को भेजा गया पर हुआ कुछ नहीं। यहां रोज 300-350 रोगी ओपीडी में आते हैं। 106 बेड भी पूरे भरे रहते हैं। अस्पताल में रेडियोथैरेपी करने वाली मशीन लीनियर एक्सीलेरेटर खराब हो गई है। नई मशीनों के लिए 10 से 15 बार प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।
अस्पताल में सुविधाओं के लिए पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी, विधायक नीलिमा कटियार और विधायक सुरेंद्र मैथानी काफी कोशिश में लगे रहे। 106 बेड के अस्पताल में छह बेड का आईसीयू भी है, जो टेक्नीशियन टीम न होने के चलते संचालित नहीं हो पा रहा है। पैथोलॉजी विभाग में भी कोई नहीं है। सिर्फ 18 नर्सें और 10 वॉर्ड बॉय हैं, जबकि यहां 50-60 नर्स और 40-50 वॉर्ड बॉय की जरूरत है।