एचआईवी एक्ट का उद्देश्य एड्स से लोगों का बचाव
एचआईवी एक्ट का उद्देश्य एड्स से लोगों का बचाव 

बांदा। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सरकारी एवं निजी क्षेत्र के चिकित्सकों व पैरा मेडिकल कर्मियों के लिए एचआईवी एक्ट 2017 अधिनियम एवं यूनिवर्सल प्रकाशन हेतु एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया ।जिसमे एचआईवी एक्ट 2017 के बारे में अनुराग तिवारी सहायक लीगल एड डिफेंस काउंसिल द्वारा विस्तार से बताया गया । उन्होंने बताया कि एचआईवी एक्ट के प्रावधानों में एचआईवी ग्रसित लोगों को समान संरक्षा सुरक्षा एवं अधिकार प्राप्त हैं।इस एक्ट का उद्देश्य एचआईवी एवं एड्स से लोगों का बचाव एवं इसके विस्तार को रोकना है। इस एक्ट के अंतर्गत एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को बिना भेद भाव के आवश्यक उपचार ,देखभाल आदि सेवाएं प्रदान करने एवं स्वास्थ सेवा प्रदाताओं के अधिकारों को भी संरक्षित करने तथा इससे जुड़ी शिकायतों के निवारण हेतु समस्त मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ को एचआईवी एड्स अधिनियम 2017 में निर्दिष्ट प्रावधानों एवं यूनिवर्सल चैनल प्रिकॉशन हेतु संवेदीकृत किया जाता है उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण अन्य बीमारियों से ग्रसित होने की संभावना बनीं रहती हैं जिसका उपचार विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत चिकित्सा कर्मियों द्वारा किया जाता हैं। डॉ अजय कुमार जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी द्वारा एड्स के फैलाव आ बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यशाला में यूनिवर्सल परीकाशन एवं जनरल सेफ्टी गाइडलाइन को डॉ देवेश माथुर ,उप जिला छय रोग अधिकारी द्वारा पी पी टी के माध्यम से बताया गया ।जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी बृजेंद्र कुमार ने बताया कि टोल फ्री नंबर 1097 पर किसी भी समय सहायता प्राप्त कर सकते है ।
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