बिहार की तर्ज में यूपी शराबबंदी लागू करने की मांग
बिहार की तर्ज में यूपी शराबबंदी लागू करने की मांग



बांदा। जिले में अवैध शराब की बिक्री और नियमों के खिलाफ संचालित शराब की दुकानों को बंद कराने की मांग तेज हो गई है। जनता दल यूनाइटेड के जिला अध्यक्ष उमाकांत सविता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी बांदा को सौंपा। इस ज्ञापन में जिले में संचालित अवैध शराब बिक्री केंद्रों को बंद कराने और बिहार की तर्ज पर शराबबंदी लागू करने की मांग की गई है। अवैध शराब की बिक्री से बढ़ रही अपराध और सामाजिक बुराइयां,ज्ञापन में बताया गया कि बांदा जनपद में अवैध शराब बिक्री जोरों पर है। गांवों और कस्बों में नियमों को दरकिनार कर शराब की दुकानें चलाई जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अध्यक्ष उमाकांत सविता ने कहा,"अवैध शराब की बिक्री के कारण युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है। घरेलू हिंसा, अपराध और सड़क हादसों में भी वृद्धि हो रही है। प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है।" आबकारी विभाग की मिलीभगत का आरोप,जेडीयू के नेताओं ने लगाया कि जिले में शराब माफियाओं को आबकारी विभाग का संरक्षण प्राप्त है।"अगर प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे, तो अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाई जा सकती है। लेकिन आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है," सविता ने कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई शराब की दुकानें नियमों के खिलाफ संचालित हो रही हैं। सरकारी नियमों के अनुसार, शराब की दुकानें स्कूल, धार्मिक स्थल और रिहायशी इलाकों से 100 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए, लेकिन बांदा में यह नियम कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा। बिहार की तरह शराबबंदी की मांग़,जेडीयू ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि उत्तर प्रदेश में बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी लागू की जाए। बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है,जिससे वहां अपराध और घरेलू हिंसा में कमी आई है। उमाकांत सविता ने कहा,अगर बिहार में शराबबंदी सफल हो सकती है, तो उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू किया जा सकता है। शराबबंदी से समाज में सकारात्मक बदलाव आएंगे, युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा और महिलाओं को घरेलू हिंसा से राहत मिलेगी।
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