रुट डायवर्जन नहीं होने सेअसोथर,जरौली,कौहन सड़क का चौड़ीकरण अटका
असोथर/फतेहपुर।नगर पंचायत असोथर से जरौली,कौहन की स्वीकृत सड़क का निर्माण कार्य अधर में है यह मार्ग मरका, रामनगर कौहन के मध्य यमुना नदी में बन कर तैयार पुल से जनपद बांदा के कस्बा बबेरु विसंडा,चित्रकूट कों सीधा जोड़ता है,बहुप्रतीक्षित सड़क का निर्माण कार्य बांदा जनपद से बडी संख्या में आने वाले वाहनों की वजह से प्रभावित हैं बड़े भार क्षमता के वाहन संपर्क मार्ग के चौड़ी करण में रोडा बने हैं लोकनिर्माण विभाग फतेहपुर द्वारा जिलाधिकारी सहित खनिज अधिकारी को पत्र लिखकर रूट डायवर्ट करने का आग्रह किया है गया है भारी भरकम गाड़ियों की आवा जाही से सिंगल रोड के चौड़ीकरण का कार्य अटक गया है।पिछले दिनों अयाह शाह विधायक विकास गुप्ता द्वारा सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन करके शिलान्यास किया गया है लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।
असोथर,रामनगर कौहन संपर्क मार्ग करीब 40 गांवों को जोड़ता है यहां के लाखों वाशिंदों को आठ वर्ष के बाद पक्की सड़क की सौगात मिलने का समय आया तो अब बड़े वाहन उसमें अड़ंगा बन गए हैं लोड वाहनों से समस्या उत्पन्न हो गयी है पहले इस सड़क की चौड़ाई 3 मीटर थी जिसे शासन द्वारा बढ़ाकर साढ़े पांच मीटर किया गया है 14 करोड रूपए लागत से 7300 सौ मीटर लंबी सड़क का निर्माण होना है सड़क निर्माण का टेंडर कर्वी चित्रकूट के ठेकेदार में0 जयप्रकाश पांडेय को मिला है ठेकेदार की टीम निर्माण यंत्रों के साथ रामनगर कौहन में डेरा डाल दिया है लेकिन टेस्टिंग के बाद काम बंद है मोरंग कारोबारियों के बीच सामंजस्य नहीं बनने से निर्माण कार्य जारी नहीं हो पाया है सड़क निर्माण तब तक नहीं सुरु हो सकता है जब तक मोरंग खदानों से निकलने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक रास्ता नहीं बन जाएगा इतना लंबा रास्ता किसानों की जमीन से ही बनाया जा सकता है जो त्वरित संभव नहीं है मोरंग ब्योवसायी बबलू सिंह अशोक यादव और शैलेंद्र सिह ने बताया कि 7 किलोमीटर रास्ता इतनी जल्दी नहीं बनाया जा सकता है इसके लिए समय चाहिए 6 माह के लिए परमिट कि खदाने हैं जो 30 जून तक चलेंगी इसके बाद सड़क चौड़ीकरण कराया जाना उचित है फतेहपुर निर्माण खंड 2 के अधिशाषी अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण का टेंडर हो गया है क्षेत्रीय विधायक विकास गुप्ता के द्वारा शिलान्यास भी कर दिया गया है निर्माण कार्य शीघ्र शुरु कराया जाएगा इसके लिए मोरंग खदान संचालकों से सामंजस्य बैठाने का प्रयास जारी है।