बेसड़ी गांव में महुआ के फलते फूलते कट गए तीन बृक्ष,बन विभाग जुटा जांच में
असोथर/फतेहपुर।क्षेत्र के बेसडी गांव में लकड़हारा इस कदर हावी है कि हरे वृक्षों को निशाना बनाया जा रहा है किसानों से औने पौने दाम में हरे वृक्ष खरीद कर उनको धरासाई करके पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है जिम्मेदार मौन है ताजा मामला बेसडी गांव का है
असोथर थाना क्षेत्र के गांव बेसडी को जाने वाली रोड के किनारे गांव के समीप हरे भरे तीन महुआ के पेड़ों को काटकर गिरा दिया गया है तीनों महुआ के पेड़ मौके पर कटे पड़े हैं
लकड़ी काटने और कटाने वालों के खिलाफ अभी तक जिम्मेदारो के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है इस बाग मे महुआ के पांच बृक्ष खडे थे तीन पेड़ों को आधुनिक मशीन द्वारा काट दिया गया है अभी दो पेड़ खड़े हैं लकड़ी ठेकेदार की उनमें भी नजर लगी है रात में आधुनिक मशीन के द्वारा पेड़ों को काटा गया है सुबह जब ग्रामीणों ने देखा तो शिकवा शिकायत का दौर शुरू हुआ तो लकड़ी ठेकेदार अपना बोरिया बिस्तर बांध कर चला गया पेड़ मौके पर पड़े हैं थानाध्यक्ष विनोद कुमार मौर्य ने बताया कि पेड़ काटने की कोई जानकारी नहीं है बन विभाग के दरोगा रामराज ने बताया कि फतेहपुर शहर के एक ठेकेदार के द्वारा पेड़ काटे गए हैं मौके पर जाकर जांच पड़ताल की गई है और तीनों वृक्षों का चौबीस हजार रुपए जुर्माना किया गया है अब सवाल यह उठता है कि क्या जुर्माना वसूलने से पर्यावरण की क्षतिपूर्ति हों पायेगी भाजपा सरकार द्वारा एक तरफ हरियाली को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष वृक्षारोपण अभियान चलाया जाता है वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदारो की शह पर हरे भरे प्रतिबंधित वृक्षों को निशाना बनाया जाता है।