उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश में व्यापारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए सौंपा ज्ञापन
उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश में व्यापारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए सौंपा ज्ञापन


फतेहपुर।वाणिज्य कर विभाग द्वारा कोरोना महामारी के समय में व्यापारियों के लंबित वादों को एक पक्षीय रूप से निस्तारित करके मनमाने तरीके से कर आरोपित कर दिया गया था जबकि व्यापारियों द्वारा प्रत्येक माह खरीद बिक्री का विवरण विभाग में रिटर्न के माध्यम से दाखिल किया जाता था परंतु विभाग द्वारा उनका मिलान न करके मनमाने तरीके से कर आरोपित कर दिया गया था। 
2 -यह की व्यापारिक फर्मों को वाद की सूचना विधिक तरीके से तमिल नहीं कराई गई है अधिकतम नोटिसों की सूचना चस्पा विधि एवं ईमेल के माध्यम से की गई है।
 व्यापारियों को समय से समुचित जानकारी न होने के कारण वाद समय से निस्तारित नहीं कराये  जा सके  एवं कोरोना महामारी के कारण भी व्यापारी वाद की सुनवाई नहीं करा सकेऔर वादों को एक पक्षीय रूप से निस्तारित कर दिया गया एवं भारी कर आरोपित कर दिया गया
3 - विभागीय नियमावली के अनुसार अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि व्यापारी के वाद को एक पक्षीय रूप से निर्धारित करते समय उसके रिटर्न की जांच की जाए और यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसकी नोटिस जारी की  या खरीद बिक्री के विवरण में कोई कर की कमी निकलती है तो उस कर को आरोपित किया जाए अन्यथा की स्थिति में कर मुक्त घोषित किया जाए परंतु विभाग द्वारा समस्त वादों  को एक पक्षीय रूप से निस्तारित करके भारी धनराशि  कर के रूप में आरोपित कर दी जाती है इसके अलावा कुछ व्यापारी ऐसे हैं जिनके निल के नक्शे दाखिल है वर्ष में कोई खरीद बिक्री नहीं है परंतु फिर भी एक पक्षीय रूप से भारी कर आरोपित कर दिया जाता है। इसके पश्चात ऑर्डर की प्राप्ति भी व्यापारी को नहीं कराई जाती है और विभाग में चश्मा विधि से तामीली कर दी जाती और उसके 30 दिन बाद आरसी भी जारी कर दी जाती है अमीन द्वारा आरती पहुंचने पर व्यापारी को पता चलता है की संगत वर्ष में उसके ऊपर कर आरोपित कर दिया गया है 
4 - किसी भी एक पक्षीय आदेश को वेट एक्ट की धारा 32 के अंतर्गत प्रार्थना पत्र दिए जाने पर वाद को पुनः खोलकर  सुनवाई का प्रावधान है ऐसे केसों की पुनः सुनवाई करके कर निर्धारण की कार्रवाई विभाग द्वारा किए जाने का प्रावधान है
5 - वर्तमान में वाणिज़्य कर विभाग द्वारा इस तरह की एक पक्षीय रूप से निस्तारित वादों  की जारी आर सी की रिकवरी पर अमीन एवं तहसील के अधिकारी कर्मचारी व्यापारियों के साथ आक्रामक कार्यवाही कर रहे हैं और व्यापारियों पर इस प्रकार के बोगस कर को जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है 
5 - वाणिज्य कर विभाग में धारा 32 का प्रार्थना पत्र देने पर अधिकारियों द्वारा वाद को रिओपन नहीं किया जा रहा है और यह कहा जा रहा है कि उच्च अधिकारियों का निर्देश है की कुछ दिन तक यह प्रक्रिया रोक दी जाए और व्यापारियों की कोई सुनवाई ना की जाए ना ही कोई विड्राल जारी किया जाए 
ऐसी दशा में व्यापारी बहुत ही कष्ट में महसूस कर रहा है एवं उसके साथ अन्याय किया जा रहा है ऐसी अन्याय पूर्ण कार्यवाही पूर्णतया विधि विपरीत है एवं आपके द्वारा हस्तक्षेप कर न्याय दिए जाने की उम्मीद है। 
व्यापार मंडल ने वाणिज्य कर अधिकारियों को निर्देशित करे की ऐसे लंबित धारा 32 के वादों को पुनः खोलकर शीघ्र अति शीघ्र निस्तारित करने की कार्यवाही की जाए एवं तहसील प्रशासन द्वारा की जा रही उत्पीड़ना त्मक  कार्यवाही को रोक कर वाद को निस्तारित कराने  का समय प्रदान किया जाए, हमारा संगठन व्यापारियों की उपरोक्त समस्याओं के निवारण की  निवेदन पूर्वक मांग करता है।किशन मेहरोत्रा संस्थापक अध्यक्ष उद्योग व्यापार मण्डल उत्तर प्रदेश अजय गुप्ता जिलाध्यक्ष अनिल वर्मा कोषाध्यक्ष चन्दन सिंह चौहान उपाध्यक्ष विनोद साहू, अभिषेक रायजादा माधवेंद्र प्रताप सिंह दिनेश चन्द्र शर्मा अवधेश सिंह सर्वेश पांडेय अजीतआदि लोग मौजूद रहे।
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