वर्ल्ड फ्लू से निपटने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक संपन्न
फतेहपुर।मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना की अध्यक्षता में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) से उत्पन्न होने वाली किसी अप्रिय स्थिति से निपटने हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग, सूचना विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग एवं पशु पालन विभाग के समस्त अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बर्ड फ्लू से होने वाली किसी भी सम्भावित स्थिति से निपटने हेतु अपनी तैयारी कर ले।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अनुदानित/ गैर अनुदानित पोल्ट्री फार्मों में पशुपालन विभाग की टीम द्वारा बर्ड फ्लू की जांच हेतु सैम्पल CADRAD प्रयोगशाला I.V.R.। बरेली नियमित रूप से भेजे जा रहे हैं परन्तु अभी तक किसी भी सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।
बर्ड फ्लू रोग का बचाव ही उपचार है। रोग से बचाव उपाय
1. कुक्कुट फार्म में स्वच्छता रखें एवं कीटाणुनाशक का छिड़काव करें।
2. बीमार पक्षियों को हमेशा स्वस्थ्य पक्षियों से अलग रखें।
3. कुक्कुट एवं कुक्कुट उत्पाद 70 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान पर 30 मिनट तक पकाने से वायरस नष्ट हो जाता है इसके उपरान्त ही प्रयोग करें।
4. फुक्कुट फार्म के समीप सूकर पालन न करें।
5. कुक्कुट फार्म के प्रवेश द्वार पर फुटवाश अवश्य बनाये जिसमें सोडियम हाइड्रॉक्साइक का घोल रखें।
6. फार्म के मुख्य प्रवेश द्वार पर वाहन को कीटाणुरहित करने के पश्चात ही प्रवेश दें।
7. आगन्तुकों का फार्म में प्रवेश नियंत्रित रखे अतिआवश्यक होने पर प्रवेश कुछ सावधानियों को ध्यान में रखते हुये जैसे गमबूट, डिस्पोजल कपडे, मास्क पहन कर एवं हाथ साबुन से धोने तथा कीटनाशक घोल (लाल दवा, डिटाल, सेवलान आदि) से कीटाणुरहित करने के पश्चात ही प्रवेश दिया जाये।
8. कुक्कुट फार्म के शेड व आसपास सफाई रखें, परिसर के खरपतवार की सफाई करवायें व चूहों को रोकथाम के उपाय रखे।
9. फार्म में उपयोग में लाये जाने वाले उपकरण व बाहर से लाये नये उपकरण जैसे अण्डों की ट्रे इत्यादि को सोडियम हाइपोक्लोराइड से कीटाणुरहित करने के पश्चात ही उपयोग में लाये।
10. फर्श व दीवारों को कीटाणुरहित करने के लिये क्वाटरनरी अमोनियम साल्ट का प्रयोग करें।
11. नये लाये गये कुक्कूटी को कम से कम 30 दिनों तक फार्म के कुक्कुटों से दूर रखें।
12. फार्म परिसर में बिल्ली कुत्ता व अन्य जंगली जानवरों का प्रवेश न होने दें।
13. फार्म के कुक्कुटों को प्रवासी पक्षी, बत्तक, वाटर फाउल आदि के सम्पर्क में न आने दें।
*मृत पक्षियों का निस्तारण कैसे करें-*
1. मृत पक्षियों को जलाकर अथवा गहरे गड्ढे में दबाकर निस्तारित करें।
2. मृत पक्षियों को जलाने के लिये 100 कि०ग्रा० मृत पक्षियों पर 05 कुन्टल लकड़ी होनी चाहिए।
3. गड्ढे में जलाने के लिये कम से कम 2मी०, लम्बा 2. मी० चौड़ा एवं 2 मी०गहरा गड्ढा होना चाहिए, यह 300 मृत पक्षियों के लिये उपयुक्त है। इसके उपरान्त कैल्शियम हाइड्राक्साइड की परत देकर मिट्टी की परत से दबाना चाहिये।